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फर्रुखाबाद I फर्रुखाबाद में शुक्रवार को यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में पार्टी को मिली हार की समीक्षा के लिए कमेटी गठित की जाएगी. चुनाव में कहां पर कमी रह गई इसका पता कर समाधान निकाला जाएगा. प्रदेशध्यक्ष ने कहा कि सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल है, कहीं पर कोई समस्या नहीं है. पार्टी में किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है.

महेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि चुनाव में हार की समीक्षा करके कमेटी जल्द पूरी रिपोर्ट देगी. इसके बाद साफ हो जाएगा कि कहां पर क्या कमी रह गई थी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संगठन के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के घर तक केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे. अभी तक सरकार की ओर से जिन लोगों को लाभ दिया गया है उनसे भी चर्चा की जाएगी.

उन्होंने कहा कि सरकार की अनेक योजनाए प्रभावी रूप से क्रियान्वयन हो रही है. योगी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया. जिसकी वजह से आज किसानों को यूरिया की किल्लत खत्म हुई, लेकिन उसकी चर्चा काम होती है.  प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को लेकर हम जनता के बीच जायेगे और जनता को बताएंगे.

जातीय समीकरण 
बीजेपी ने इस जातीय समीकरण को कम आंका और समझती रही कि बसपा का वोट ट्रांसफर नहीं होगा. जबकि पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी को 39 फ़ीसदी ही वोट मिले थे. जबकि बसपा और सपा का वोट प्रतिशत 45 फ़ीसदी के करीब था. आसान सा अंकगणित बीजेपी नहीं समझ सकी. इतना ही नहीं मायावती ने यह भी साबित कर दिया कि उसका कैडर दलित वोट आज भी उनके साथ है और एक आदेश पर वह ट्रांसफर भी हो सकता है. बीजेपी के सामने अब इस जातीय समीकरण को तोड़ने की चुनौती भी होगी.

उपचुनाव में कम वोटिंग
वैसे तो उपचुनावों में वोटिंग प्रतिशत कम ही रहता है. लेकिन गोरखपुर और फूलपुर में इतना कम मतदान होगा बीजेपी ने नहीं सोचा था. बीजेपी के कार्यकर्ता अपने वोटर को मतदान केंद्र तक नहीं ला सके. यहां भी संगठन में कमी नजर आई. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जिस मजबूत संगठन को जीत का श्रेय देते रहे हैं, वह भी अति उत्साहित नजर आया. वह मानकर चल रहा था कि उसका वोटर निकलेगा. ऐसा हुआ नहीं. फूलपुर में 37 फीसदी के करीब तो गोरखपुर में करीब 47 फीसदी मतदान ही हुआ.

 
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